Mainpart , Chhattisgarh Overview
मैनपाट अम्बिकापुर से 75 किलोमीटर दुरी पर है इसे छत्तीसगढ का शिमला कहा जाता है। मैंनपाट विन्ध पर्वत माला पर स्थित है जिसकी समुद्र सतह से ऊंचाई 3781 फीट है इसकी लम्बाई 28 किलोमीटर और चौडाई 10 से 13 किलोमीटर है अम्बिकापुर से मैंनपाट जाने के लिए दो रास्ते हैं पहला रास्ता अम्बिकापुर-सीतापुर रोड से होकर जाता और दुसरा ग्राम दरिमा होते हुए मैंनपाट तक जाता है। प्राकृतिक सम्पदा से भरपुर यह एक सुन्दर स्थान है। यहां सरभंजा जल प्रपात, टाईगर प्वांइट तथा मछली प्वांइट प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। मैनपाट से ही रिहन्द एवं मांड नदी का उदगम हुआ है। मैनपाट में मेहता प्वांइट भी एक दर्शनीय स्थल है |इसे छत्तीसगढ का तिब्बत भी कहा जाता हैं। यहां तिब्बती लोगों का जीवन एवं बौध मंदिर आकर्षण का केन्द्र है। यहां पर एक सैनिक स्कूल भी प्रस्तावित है। यह कालीन और पामेरियन कुत्तो के लिये प्रसिद्ध है।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में विंध्य पर्वतमाला पर समुद्रतल से लगभग 3781 फीट की ऊंचाई पर बसे मैनपाट(Mainpat) को ‘छत्तीसगढ़ का शिमला ‘ (Chhattisgarh ka Shimla) कहा जाता है।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, समुद्र तल से ऊंचाई एवं मनोरम स्थल व शरद ऋतु में बर्फ़बारी शिमला का अनुभव कराती है। ठंड और बारिश के दिनों में मैनपाट का सौंदर्य अपने चरम पर होती है, इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। पहाड़ से निकलती टेढ़े-मेढे रास्ते और अलग-अलग पहाड़ियों से नीचे का वृहग दृश्य देखते ही बनता है। ऊँची-ऊँची पहाड़ियाँ एवं चारों ओर से वनों से घिरा हुआ हरियाली, बहते झरने एवं नदियां लोगों को अपनी ओर खींच लेती है। गर्मी के दिनों में भी ठंडी का मौसम होने के कारण सैलानियों का पसंदीदा स्थान होता है। मैनपाट(Mainpat) से ही रिहन्द और मांड नदी का उद्गम हुआ है।
मैनपाट(Mainpat) कालीन और पामेलियन कुत्तों के लिए भी प्रसिद्ध है। साथ ही बाक्साइट की खदानें भी हैं, जहां से बालको (BALCO) के लिए बाक्साइट निकला जाता है।
मैनपाट(Mainpat) का प्रमुख मनोरम स्थल/ View point -


बुद्ध मंदिर(Baudh Mandir)
वर्ष 1962 में तिब्बती शरणार्थियों को यहां बसाया गया था। यहां तिब्बती लोगों का जीवन एवं बौद्ध मंदिर आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इसलिए इसे ‘छत्तीसगढ़ का तिब्बत'(Chhattisgarh ka Tibet) भी कहा जाता है।
सरभंजा जलप्रपात(Sarbhanja Jalprapat) – मांड नदी पर यह जलप्रपात है, इसे इको या टाइगर पॉइंट के नाम से भी जाना जाता है। प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर यह एक दर्शनीय स्थल है।
एलिफेंट पॉइंट (Elephant Point) – यह झरना जमदरहा नामक पहाड़ी नदी पर स्थित है। चारों ओर घनघोर जंगल के बीचोबीच यह झरना है, जहां 12 महीनें पानी बहता रहता है। प्रकृति की यह अद्भुत दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।
मेहता पॉइंट (Mehta Point)- प्रकृति की गोद में बसी इस जगह पर सूर्योदय एवं सूर्यास्त का समय काफी मनोहर होता है। यह अद्भुत नजारा सैलानियों को अपनी खींच लेती है।
दलदली (Daldali)- प्रकृति की यह एक अनोखी जगह है जहां स्पंजी जमीन है, इस जगह को दलदली के नाम से जाना जाता है। मैनपाट(Mainpat) पहुँचने वाले पर्यटकों को आप इस जगह पर उछाल-कूद करते देख सकते हैं।
मछली पॉइंट(Machali/Fish Point)- प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर यह एक दर्शनीय स्थल है।



दरिमा हवाई अड्डा अंबिकापुर से नजदीक है।
अंबिकापुर रेलवे स्टेशन करीब है, जहाँ से टैक्सी या बस से जा सकते हैं ।